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बरेली में उपजा के प्रयास से सबसे पहले बना उपजा प्रेस क्लब एवम पत्रकार कालोनी

बरेली में उपजा के प्रयास से सबसे पहले बना उपजा प्रेस क्लब एवम पत्रकार कालोनी


1980, 90 के दशक में मुंशी प्रेम नारायण, मुखर्जी, जे बी सुमन, धर्मपाल की धमक रही बरेली पत्रकार जगत में   
निर्भय सक्सेना 
बरेली रूबरू बरेली। देश दुनिया में आज पत्रकारिता का स्वरूप ही डिजिटल ने बदल दिया है। चंद मिनटों में खबर एवम फोटो दुनिया के किसी भी भाग में पहुंच कर वायरल हो जाते हैं। पर आज से लगभग 45 या 50 वर्ष पूर्व जब समाचार फोन, टेलीग्राम या पेकेट से ही सभी संवाददाता अपने अपने संस्थान को भेजते थे । 


वर्ष 1975 से 1980 दशक आते आते ही बरेली भी समाचार केंद्र बन गया था। उस समय तक बरेली में अमर उजाला, विश्व मानव, दैनिक दिव्य प्रकाश के बाद दैनिक जागरण,  दैनिक आज, नवसत्यम भी बरेली में आ चुका था। 

बाद में जनमोर्चा, दैनिक हिंदुस्तान, आई नेक्स्ट, दो टूक, कैनविज एवम अमृत विचार, संवाद न्यूज, गंभीर न्यूज, युवा हस्ताक्षर, विश्व आई न्यूज भीं बरेली से प्रकाशित हुए। बरेली में यू पी जर्नलिस्ट एसोसिएशन (उपजा) के प्रयास से सबसे पहले बना उपजा प्रेस क्लब एवम एकता नगर में पत्रकार कालोनी बनी। 

बरेली में 50 वर्ष पूर्व पत्रकारिता जगत में 1974 के दशक में जब मैं पत्रकारिता क्षेत्र में कुछ सीखने की ललक से जब आया उस समय बरेली में बाहर के आने बाले देश-प्रदेश के समाचार पत्रों में समाचार भेजने वालों में मुंशी प्रेम नारायण सक्सेना, नरेन्द्र मोहन मुखर्जी, धर्मपाल गुप्ता, सुरेश शर्मा, ब्रिज पाल विसारिया, राम दयाल भार्गव, सुरेश शर्मा, तेज बहादुर सिन्हा जी आदि की गूंज होती थी। जबकि बरेली के समाचार पत्रों में जे. बी. सुमन, राकेश कोहरवाल, नरेश वर्मा, कृष्ण कुमार शर्मा, निर्भय सक्सेना, बलवीर सहाय त्यागी, बलवंत राय  मिगलानी, जगन्नाथ साहनी, रईस भारती, जी बी नैनबाल के नाम की चर्चा होती थी जिनके रोज ही समाचार तार से या समाचार पैकेट के रूप में दिल्ली जाते थे। रामगोपाल शर्मा एवं जनार्दन आचार्य आकाशवाणी में रहे अब नाजिया जी आकाशवाणी से जुड़ी है। सुरेंद बीनू सिन्हा का भी भारतीय पत्रकारिता संस्थान खुल चुका था। 


बरेली में अक्सर जे. बी. सुमन, राकेश कोहरवाल के साथ रहकर मैंउनसे कुछ सीखने का प्रयास करता था। उसी दौरान जे. बी. सुमन ने एक दिन मुंशी प्रेम नारायण सक्सेना से मेरी भेंट कराई थी यह कहकर की यह लड़का अभी पत्रकारिता के क्षेत्र में नया है। आप भी इसे समाचारों के बारे में जानकारी देते रहा करें ताकि ये अपनी ‘दैनिक विश्व मानव’ की रिपोर्टिंग में कुछ काम कर सके। 


मुंशी प्रेम नारायण  से भेंट के बाद उनसे कचहरी पर बंगलिया चैंबर में उनसे मुलाकात होती रही। मुंशी प्रेम नारायण अक्सर कोई न कोई प्रसंग चटकारे लेकर सुनाते थे जिससे वहां हास्य का वातावरण गुंजायेमान रहता था।  


एक बार की बात है मोहर्रम के समय हम सभी पत्रकार क्षेत्राधिकरी नगर पुलिस के कार्यालय में क्षेत्राधिकारी डा. एच. सी. फुलेरिया से बैठे चर्चा कर रहे थे। इसी बीच नरेन्द्र मोहन मुखर्जी का वहां आना हुआ और क्षेत्राधिकारी पुलिस फुलेरिया जी को संबोधित करते हुए कहा कि मेरे काम का क्या हुआ? जिस पर फुलेरिया जी ने उत्तर दिया मोहर्रम बाद आपका काम हो जायेगा। 


जिसपर मुखर्जी ने कहा ‘व्हाट इस मोहर्रम’? इसके बाद मुंशी जी ने अपनी हाजिर जवाबी से कहा मुखर्जी साहब मैं मौहर्रम तो नहीं बस मौहर्रमी शक्ल के बारे में अभी आपको अवगत करा सकता हूं। आप केवल सामने टंगे आइने में अपनी शक्ल जाकर देख लें। जिस पर वहां ठहाका गूंज उठा और मुखर्जी  तुरंत वहां से चले गये।  


उस समय वरिष्ठ पत्रकारों ने  यू पी जर्नलिस्ट एसोसिएशन (उपजा) बरेली का भी गठन कर लिया जिसमें मुझे भी  सदस्य बनाया गया।  इसके बाद मुंशी प्रेम नारायण, जे. बी. सुमन, सुरेश शर्मा,राकेश कोहरवाल रामदयाल भार्गव, ब्रजपाल बिसरिया, के.के.शर्मा, जनार्दन आचार्य, दिनेश पवन आदि ने वर्ष 1975 में ‘उपजा’ का 10 वां प्रांतीय सम्मेलन बरेली में कराने का वीणा उठाया जो बरेली कालेज में हुआ। 


जिसमे अमर उजाला के मालिक मुरारी लाल माहेश्वरी ने भोजन आदि में बड़ा सहयोग किया था। उपजा के प्रदेश सम्मेलन में मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी थे। इस कमेटी के अध्यक्ष मुंशी प्रेम नारायण थे।  मुंशी प्रेम नारायण ने तब बरेली में ‘उपजा प्रेस क्लब’ एवं ‘प्रेस कालोनी’ बनाने के लिए मुख्यमंत्री  को ‘उपजा’ के सभी पत्रकारों की तरफ से ज्ञापन दिया गया था।


 जिस पर बाद में भी उपजा की ओर से महामंत्री होने के नाते मैंने (निर्भय सक्सेना) भी कई बार स्मरण पत्र सरकार एवं जिला प्रशासन को दिये। जिस पर बरेली में नावल्टी चौराहे पर न्यू सुभाष मार्केट सिंघल लाइव्रेरी के एक हिस्से में ‘उपजा प्रेस क्लब’ और एकता नगर में 20 मकानों की पत्रकार कालोनी प्रियदर्शिनी नगर में ‘उपजा’ के कारण सबसे पहले बरेली में मूर्त रूप ले सकी। ‘उपजा’ के पास जब जगह नहीं थी तब मेरे एवं अन्य सदस्यों के घरों पर उपजा के  "प्रेस से मिलिये’ कार्यक्रम होते थे। 


बाद में जिला परिषद में वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैय्यर का भी ‘प्रेस से  मिलिए’ कार्यक्रम रखा गया था। जबकि मदर टेरेसा का कार्यक्रम सोम विग के कलर इन स्टूडियो पर हुआ था।  मुंशी प्रेम नारायण के सहायक के रूप में भैरव दत्त भट्ट ‘दैनिक उत्तर उजाला’ के प्रतिनिधि बन गये। भैरव भट्ट भी मुंशी जी के घर पर रहते थे। उ.प्र. सरकार में मंत्री रहे राम सिंह खन्ना के वे बहुत प्रिय थे। एक बार राम सिंह खन्ना के चुनाव के दौरान किसी ने मुंशी जी को  शराब का न्यौता दिया तो वह तपाक से बोले हम इतनी पी चुके हैं कि अब मन ही नहीं करता। जबकि वह शराब से दूर ही रहते थे। वर्ष 1950 के दशक में बरेली में ‘डेकोटा प्लेन’ आए थे तो किसी ने मुंशी प्रेम नारायण  से कहा कि आप भी आठ आने के टिकट में हवाई यात्रा कर लीजिये  तो वह हंसकर बोले = हम हैं कौम के कायस्थ चार आने की दारू में पूरी रात उड़ेगे। यह तो आठ आने में 10 मिनट में हवाई जहाज की ही उड़ान करायेगा। मुंशी प्रेम नारायण का निधन 3 सिंतबर 1990 को हुआ।
धर्मपाल गुप्ता ‘शलभ’ बरेली में नवभारत टाइम्स के संवाददाता थे। उन्होंने ‘अमर उजाला’ में ‘समय की धारा’ नामक कालम कुछ समय तक लिखा।  जब मैं ‘दैनिक विश्व मानव’ में था तो दोपहर में अक्सर पटेल चौक पर ‘फाइन प्रेस’ वाली दुकान पर जाता रहता था जहां उनके पिता चिरंजीव लाल गुप्ता जो स्वयं ‘दैनिक वीर अर्जुन’ के संवाददाता रहे थे। धर्मपाल गुप्ता की उर्दू भाषा पर भी मजबूत पकड़ थी अक्सर मुस्लिम समाज की प्रेस कांर्फेंस में वह मौलानाओं को निरूतर कर देते थे ।
रामदयाल भार्गव आलमगिरी गंज क्षेत्र में ‘प्रभात प्रेस’ के मालिक थे। वह वहीं से साप्ताहिक अखबार भी निकाला करते थे। बाद में वह ‘हिंदुस्तान समाचार न्यूज एजेंसी’ के बरेली के प्रतिनिधि हो गये। कुछ समय वह ‘दैनिक विश्व मानव’ में बैठने लगे। ‘उपजा’ से भी उनका जुड़ाव रहा। जे बी सुमन अमर उजाला में रहे। बाद में दैनिक दिव्य प्रकाश निकाला। उनकी मृत्यु के बाद प्रशांत सुमन एवं सारिका सुमन ने पत्र का संचालन किया। उनकी मृत्यु के बाद अब पौत्र मिहिर एवं कुबेर सुमन दिव्य प्रकाश निकाल रहे हैं। डॉ केशव अग्रवाल के दैनिक अमृत विचार को शंभू दयाल बाजपेई ने संपादक के रूप में लंबे समय चलाया। अब राजेश श्रीनेत एवं पार्थों कुनार उसे देख रहे हैं। 
ज्ञान सागर वर्मा बरेेली के एक विद्वान पत्रकार रहे। लखनऊ के ‘दैनिक तरूण भारत’ एवं ‘दैनिक स्वतंत्र भारत’ में काम करने के बाद जब बरेली में ‘दैनिक विश्व मानव’ खुला तो वह बरेली में आ गये। अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद में उन्हें महारत हासिल थी पर उनका राइटिंग अपठनीय होता था।  उन्होंने आगरा, लखनऊ, दिल्ली आदि के कई उपजा सम्मेलनों एवं बैठकों में भाग लिया। उनकी 23 दिसंबर 2012 को मृत्यु हुई।
दिनेश चन्द्र शर्मा उर्फ दिनेश पवन ने भी बरेली में लंबे समय पत्रकारिता की जिसमें ‘दैनिक विश्व मानव’, ‘दैनिक दिव्य प्रकाश’, ‘ दैनिक जागरण’, ‘दैनिक दो टूक’ में वह समाचार संपादक रहे। चौबे जी की गली निवासी पंडित श्रीकृष्ण शर्मा के पुत्र दिनेश पवन  अपने पड़ौसी अनुराग दीपक के साथ ही वह पत्रकारिता क्षेत्र में आये और ‘दैनिक जागरण’ में लंबी पारी खेलकर वही से रिटायर हुये ‘दैनिक जागरण’ से सेवा निवृत्ति के बाद में वह दैनिक दो टूक के समाचार संपादक बनाये गये। संजीव अरोरा भी दैनिक जागरण अमर उजाला में कार्यरत रहे। आजकल वह सनातन बल ज्योतिष डिजिटल पत्रिका पर काम कर रहे हैं। रहमान जी दैनिक आई नेक्स्ट में समाचार संपादक रहे।दैनिक विश्व मानव आदि में रहे डॉ राजेश शर्मा ने विश्व मानव के न्यूज चैनल के माध्यम से काफी लोगो के इंटरव्यू किया। आज कल राजेश शर्मा गुजिश्ता बरेली पर सार्थक लेखन कर 100 से अधिक लोगो का जीवन वृत्त लिख चुके हैं। 
कमल कांत शर्मा शुरूआती दौर में ‘दैनिक विश्व मानव’ में लंबे समय तक संपादकीय विभाग में रहे।  ‘दैनिक विश्व मानव’ की बंदी के बाद वह हरिद्वार चले गये और वहां एक दैनिक समाचार पत्र ‘भागीरथ संदेश’ में काम करने के बाद हल्द्वानी आ गये। श्री कमल शर्मा ‘दैनिक उत्तर उजाला’ के प्रभारी बनें। जब ‘दैनिक जागरण’ हल्द्वानी में प्रारंभ हुआ तब श्री शर्मा संपादकीय विभाग की टीम में शामिल हुए और हल्द्वानी
 ‘दैनिक जागरण’ से ही सेवानिवृत्त हो गये। इसके बाद वह ‘दैनिक उत्तरांचल द्वीप’ से जुड़ गये।
नरेश बहादुर वर्मा ने भी बरेली से ‘रुहेलखण्ड टाइम्स’ अंग्रेजी साप्ताहिक अखबार निकाला। वर्ष 1972 में बरेली में उस समय अंग्रेजी साप्ताहिक निकालना भी एक जटिल कार्य था। श्री नरेश बहादुर जी ने ‘साप्ताहिक रुहेलखण्ड टाइम्स’ का प्रारंभ किया। बरेली में जब ‘दैनिक विश्व मानव’ शुरू हुआ तो उसमें वह प्रसार प्रबंधक बनाये गये। बाद में बरेली से उन्होंने बरेली से उन्होंने ‘पुलिस जर्नल’ का प्रकाशन भी किया। 
ब्रजपाल सिंह बिसरिया ने भी गली मिर्धान से अपनी प्रेस से हिंदी साप्ताहिक ‘युग संदेश’ निकाला। 
जगदीश विकट ने मढ़ीनाथ में रहकर अपना साप्ताहिक अखबार ‘चित्रांकन’ एवं जगन्नाथ साहनी ने हब्बे वतन कई वर्षों तक निकाला।  
अजीत सक्सेना ने भी बरेली के प्रेमनगर से भी ‘रफ्तार टाइम्स’ एवं ‘खुशबू मेरे देश की’ सहित कई पत्रिकाओं का गुडविन मसीह को साथ लेकर प्रकाशन किया। उनके पुत्र भी विकलांग होने बाबजूद जुझारू पत्रकार हैं।अपनी पत्रिका ‘रफ्तार टाइम्स’ में उन्होंने कई जागरूक पत्रकारों को लेकर एक न्यूज पोर्टल भी शुरू किया जिसमें कई पत्रकार जुड़े रहे। डॉ दीपक अग्रवाल संवाद केसरी निकालते हैं। डॉ अशोक शर्मा एवं पूरन लाल शर्मा भी उनसे जुड़े रहे। 
गुडविन मसीह ने बाल साहित्य लेखन में काफी कार्य किया। 8 अगस्त 1966 को जन्मे कहानीकार  गुडबिन के लिखे कई नाटक ‘बस्तों की हड़ताल‘, ‘फूल खिलने लगे’ चर्चित हुए। आज कल गुडविन मसीह अजीत सक्सेना के साथ ‘खुश्बू मेरे देश की’ का संपादन कर रहे हैं। 
करूणा निधि गुप्ता ने बरेली में शुरूआती दौर में प्रेस फोटोग्राफी की और बाद में उन्होंने अपना ‘ईएनआई न्यूज पोर्टल’ भी प्रारंभ किया। आजकल वह अपना इसी चैनल के माध्यम से कई लोगों को अपने साथ जोड़े हुए हैं। कंचन वर्मा लंबे समय तक ‘दैनिक आज’,  ‘दैनिक जागरण’, ‘दैनिक अमर उजाला’ में कार्य किया। बाद में वह हल्द्वानी चले गये जहां उन्होंने एक लंबी पारी खेली। आजकल वह बरेली में ‘फ्रंट लाइन न्यूज’ नेटवर्क के माध्यम से अपना पोर्टल चला रहे हैं। दैनिक जागरण में रहे अजय सक्सेना आजकल अमर उजाला में हैं । जागरण में रहे उमेश लव अब लव इंडिया पोर्टल चला रहे हैं।
सौरभ शर्मा भी बरेली में आर. जे. न्यूज के नाम से अपना पोर्टल चला रहे हैं। इसके अलावा वह अपना एक न्यूज वैवसाइट भी चलाते हैं। हाल में उन्होंने ‘आर.जे. पत्रिका’ का भी प्रकाशन किया। 
विशाल गुप्ता ने बरेली में ‘दैनिक आज’, ‘दैनिक जागरण’  में रिपोर्टिंग एवं संपादन का कार्य किया। आजकल वह बरेली में सन् 2010 से ‘बरेली लाइव’ के नाम से न्यूज पोर्टल सचिन श्याम भारतीय के साथ चला रहे हैं। 
  श्री गजेन्द्र त्रिपाठी जो  लंबे समय तक ‘दैनिक जागरण’ के संपादकीय विभाग में रहे। बाद में वह हिंदुस्तान में चले गये। उसके बाद वह लंबे समय हल्द्वानी  ‘दैनिक जागरण’ रहे  और वहीं से सेवानिवृत हुये। अब वह  विशाल गुप्ता से जुड़कर यात्रा पार्टनर निकाल रहे हैं। भीम मनोहर भी अपना न्यूज बॉक्स पोर्टल चला रहे हैं। शुभम सिंह ठाकुर भी न्यूज पोर्टल पर जीवटता से कार्य करते हैं।सुयोग सिंह भी पोर्टल से जुड़े हुए है। देश दीपक भी चैनल से जुड़े हुए हैं।
प्रभात सिंह ने ‘दैनिक अमर उजाला’ बरेली में फोटोग्राफी से अपना कैरियर प्रारंभ किया और अपने योग्यता के बल पर सिटी प्रभारी बने। इसके बाद इलाहाबाद चले गये जहां ‘दैनिक अमर उजाला’ के संपादकीय प्रभारी के तौर पर लंबे समय तक कार्य किया। आजकल वह अमर उजाला में ‘संवाद’ न्यूज एजेंसी के साथ प्रभारी के रूप में जुड़े हुए हैं। अशोक वैश्य, के के सक्सेना, गोपाल विनोदी, हरीश गुप्ता के पुत्र पवन  गुप्ता, गीतेश जोली भी अमर उजाला में रहे। 
राजेश सिंह श्रीनेत ने भी ‘दैनिक अमर उजाला’ बरेली में लंबं समय तक कार्य किया। बाद में वह ‘दैनिक जागरण’ से सिटी प्रभारी भी रहे। उन्होंने बरेली में साप्ताहिक समाचार पत्र ‘दीप टाइम्स’ का भी प्रकाशन किया। आजकल वह अमृत विचार के संपादकीय प्रभारी हैं। श्री राजेश जी की गजलों में भी रूचि रही। उनके भाई दिनेश श्रीनेत भी अमर उजाला में रहे। उदित साहू, कन्हैया लाल बाजपेई, श्री भगवान सुजानपुरिया भी अमर उजाला में रहे। उदित साहू, राजेश जुएल, बिनीत सक्सेना भी अमर उजाला बरेली में संपादक रहे। 
चन्द्रकांत त्रिपाठी बनारस में स्वतंत्र भारत दैनिक से ‘दैनिक अमर उजाला’ बरेली में आये और यहां सी. के. त्रिपाठी के नाम से उनकी पहचान बनी। ‘दैनिक अमर उजाला’ के विज्ञापन विभाग में उन्होंने लंबे समय तक तक काम किया। इसके बाद वह ‘दैनिक जागरण’ में प्रबंधक होकर आ गये। जहां उन्होंने महाप्रवंधक से लेकर स्थानीय संपादक तक की भूमिका में लंबे समय तक कार्य किया। बाद में यहां से सांध्य ‘दैनिक नमस्कार’ का प्रकाशन शुरू कराया।  
बच्चन सिंह ने भी बनारस से बरेली आकर ‘दैनिक जागरण’ में समाचार संपादक के रूप में लंबी पारी खेली। उन्होंने संपादकीय विभाग को लेखन में कई तरह से छूट भी दी। साथ ही वह  ‘दैनिक जागरण’ के लिए अपना साप्ताहिक कालम नियमित लिखते थे। ‘दैनिक जागरण’ के बाद बरेली में उन्होंने ‘संवाद केसरी’ में संपादक के रूप में कार्य किया। बरेली में उन्होंने पत्रकारिता को एक अलग पहचान दिलायी। बाद में राम धनी द्विवेदी दैनिक जागरण में समाचार संपादक बने। वह स्वभाव से काफी सरल रहे। सभी के प्रिय रहे। 
आर एस एस सोलंकी, अनिल श्रीवास्तव, संजय श्रीवास्तव,अनिल के. अंकुर ने भी बरेली ‘दैनिक जागरण’ में लंबे समय तक संपादकीय विभाग में काम किया। वह ‘दैनिक जागरण’ में सिटी इंचार्ज भी रहे। बाद में वह ‘दैनिक हिंदुस्तान’ लखनऊ चले गये। आजकल वह लखनऊ में ही ‘जनता न्यूज चैनल’ में कार्य कर रहे हैं।
अनिल श्रीवास्तव आजकल अमर उजाला गाजियाबाद में हैं। 
संजीव पालीवाल भी बरेली में ‘दैनिक आज’ के बाद ‘दैनिक जागरण’ में आ गये। उन्होंने बरेली ‘दैनिक जागरण’ में रिपोर्टिंग में लंबी पारी खेली। इसके बाद वह मुरादाबाद ‘दैनिक अमर उजाला’ में चले गये। कुछ समय वहां कार्य करने के उपरांत उन्होंने दिल्ली जाकर न्यूज चैनल की राह पकड़ी। आजकल वह ‘आजतक न्यूज चैनल’ में  साहित्य तक में उच्च पद पर हैं। हाल ही में उन्होंने ‘नैना’  इश्क नहीं आसान नामक आदि कई उपन्यास भी लिखा जो काफी चर्चित रहे। उनके पिता स्वर्गीय जे.सी.पालीवाल शहर के जाने-माने समाजसेवी और नाटककर्मी थे। जिन्हें कबीर पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।
इकबाल रिजवी ने भी बरेली ‘दैनिक जागरण’ में अपना कैरियर शुरू कर दिल्ली में न्यूज चैनल की राह पकड़ी। वर्तमान में श्री इकवाल रिजवी ‘आजतक’ न्यूज चैनल में कार्यरत हैं। मो.तस्लीम ने भी अपना कैरियर ‘दैनिक अमर उजाला’ से शुरू किया। इसके बाद वह संजीव पालीवाल के साथ दिल्ली में एक चैनल में कार्य करने लगे। वर्तमान में श्री तस्लीम ‘आजतक’ न्यूज चैनल आर्थिक डेस्क के प्रभारी हैं। पंकज शुक्ला इलाहाबाद से अपने पिता श्री अखिलेश शुक्ला  के साथ बरेली आये। बरेली में उनके पिता अखिलेश जी ‘दैनिक जागरण’ में रिपोर्टिंग करते थे। अखिलेश शुक्ला  के ‘दैनिक जागरण’ छोड़ने के बाद पंकज शुक्ला ने ‘दैनिक जागरण’ में अपनी रिपोर्टिंग प्रारंभ की।  पंकज शुक्ला एक तेज-तर्रार रिपोर्टर थे।  कुछ समय बाद दिल्ली के एक न्यूज चैनल में कार्य करने लगे पर उनका मन वहां नहीं लगा और उन्होंने वहां देहरादून का ‘दैनिक राजसत्ता’ को खरीद कर दिल्ली से राजसत्ता नामक पोर्टल का संचालन किया। पिछले दिनों उनकी हृदय रोग से दुखद मृत्यु हो गई। विनोद भसीन,  राजेन्द्र गढ़वाली, संजय सक्सेना, सुभाष शर्मा, ए बी नूतन, ज्ञान सागर वर्मा, राकेश कोहरवाल,  दिनेश पवन, विश्वमानव में रहे सभी का निधन होना बताया गया है।
फिरासत हुसैन ‘दैनिक विश्व मानव’ में कार्य करने के बाद ‘दैनिक जागरण’ की राह पकड़ी और खेल की रिपोर्टिंग के साथ ही खेल पेज का भी काफी लंबे समय तक संपादन किया। आजकल वह अंशुल मिश्रा के साथ ‘दैनिक स्वतंत्र भारत’ के लिए कार्य कर रहे हैं। श्री फिरासत हुसैन, धर्मेंद सिंह उपजा बरेली के महामंत्री भी रहे। अखिलेश सक्सेना भी बरेली एवम हल्द्वानी जागरण में कार्यरत रहे। अरुण मिगलानी मिलाप में एवं अखिलेश सक्सेना हिंदुस्तान टाइम्स में रहे। 
फहीम करार युवा पत्रकार हैं उन्होंने बरेली से बच्चों के लिए तितली पत्रिका भी निकाली। उन्होंने ‘दैनिक जनमोर्चा’ में भी संपादन का कार्य किया  श्री फहीम करार ने उपजा के आगरा एवं कोटा सम्मेलन में भी भाग लिया।  
महबूब आलम ‘दैनिक विश्वमानव’ में रहे इसके बाद वह ‘दैनिक जागरण’ में आ गये। ‘दैनिक जागरण’ में उन्होंने रिपोर्टिंग के साथ संपादन का भी कार्य किया। आजकल वह दैनिक अमर उजाला बरेली में कार्यरत है। 
राजीव सक्सेना लखनऊ के ‘दैनिक जागरण’ से स्थातंरित होकर बरेली ‘दैनिक जागरण’ आये श्री राजीव सक्सेना ने लंबे समय तक दैनिक जागरण में खेल पेज का संपादन किया। इसके बाद वह ‘दैनिक अमर उजाला’ में चले गये। अमर उजाला छोड़ने के बाद वह बरेली में ‘केनविज टाइम्स’ में भी रहे। बाद में उनका निधन हो गया।
आशीष अग्रवाल ने दैनिक ‘दैनिक अमर उजाला’ बरेली में लंबे समय तक संपादकीय विभाग की विभिन्न डेस्कों पर लंबी पारी खेली। आशीष अग्रवाल अमर उजाला के एक मजबूत स्तंभ रहे। उनकी बेहतर रिपोर्टिंग हमेशा चर्चा में रही। बाद में आशीष अग्रवाल ‘दैनिक जागरण’ आ गये। बरेली ‘दैनिक जागरण’ में भी वह सिटी इंचार्ज रहे। इसके बाद वह दिल्ली चले गये और वहां से एक पाक्षिक पत्रिका भी निकाली।  आशीष अग्रवाल ‘प्रसार भारती’ से जुड़े थे। श्री आशीष अग्रवाल श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के भी बरेली में सर्वेसर्वा रहे। 20 अप्रैल 2021 को उनकी मृत्यु हो गई
अनुपम मार्कण्डेय ने ‘दैनिक बिजनौर टाइम्स’ से अपना कैरियर शुरू किया। इसके बाद उन्होंने वह रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय में कार्य करने लगे। रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय की नौकरी छोड़ कर ‘दैनिक अमर उजाला’ में आ गये जहां उन्होंने लंबे समय तक जनरल डेस्क पर कार्य किया। ‘’दैनिक अमर उजाला’ छोड़ने के बाद वह ‘दैनिक जागरण’ मुरादाबाद आ गये वहां प्रभारी भी बने। उन्होंने कुछ दिन ‘कैनविज टाइम्स’ में भी कार्य किया। श्री मार्कण्डेय उपजा के प्रदेश उपाध्यक्ष भी रहे।
डॉ पवन सक्सेना ने भी अपना कैरियर एक शिक्षक के रूप में प्रारंभ किया। बाद में वह ‘दैनिक अमर उजाला’ में आ गये। उनकी गिनती भी एक तेज तर्रार रिपोर्टर के रूप में रही। उन्हें दैनिक स्टेट्समैन ने सम्मानित भी किया। उसके बाद वह ‘दैनिक जागरण’ बरेली में आ गये और ‘दैनिक जागरण’ में सिटी इंचार्ज बने। आजकल वह दैनिक भास्कर  के प्रमुख के रूप में  जुड़े हुए हैं। सफल उद्यमी के साथ ही साथ  वह उपजा  प्रेस क्लब, बरेली के अध्यक्ष भी हैं। मुकेश तिवारी, कुमार रहमान, वीरेंद्र अटल भी उनके साथ जुड़े हुए हैं। अनूप मिश्रा भी भास्कर चैनल से जुड़े हैं । देश दीपक भी चैनल से जुड़े हैं। अशोक कुमार शर्मा जनमोर्चा, विजय सिंह, पुत्तन सक्सेना स्वतंत्र चेतना, ललित कश्यप, शंकर लाल, आर के जोशी, अशोक कुमार शर्मा लौटा कवि भी हैं। शुभम ठाकुर, सुयोग सिंह, धर्मेंद्र रस्तोगी देश दीपक भी पोर्टल से जुड़े हुए हैं । विकल्प कुदेशिया भी न्यूज पोर्टल से जुड़े हुए हैं और खोज परक रिपोर्टिंग करते हैं। गुरुबचन दास ऊंची आवाज, अनुराग उपाध्याय बोल बरेली, अंशुल मिश्रा दैनिक स्वतंत्र भारत से जुड़े हुए हैं। संजीव कुमार शर्मा गंभीर ने बरेली के कई हिंदी दैनिक जागरण, अमर उजाला, हिंदुस्तान में दमदार पारी खेली। अब अपना दैनिक गंभीर न्यूज दमदार जनहित से जुड़कर निकलते हैं। संजीव द्विवेदी  दैनिक जागरण  अमर उजाला में लंबी पारी के बाद अब दैनिक दो टूक निकाल रहे हैं। विपिन शर्मा विश्व आई न्यूज निकलते हैं। बरेली से बरेली की आबाज, युवा हस्ताक्षर, संवाद  केसरी भी निकलते है। उर्दू के तर्जुमान का गुड्डू जी संपादन कर अखवार का प्रकाशन करते हैं। आर बी लाल भी एक दैनिक निकाल रहे हैं। आर के सिंह एक समाचार एजेंसी से जुड़े हुए हैं।
मदन मोहन सिंह अपने भाई शिव प्रसाद सिंह के साथ ‘दैनिक जागरण’ बरेली में आये और लंबे समय तक रिपोर्टिंग का कार्य किया। वर्तमान में मदन मोहन सिंह ‘दैनिक जागरण’ गोरखपुर में संपादक के रूप में कार्यरत हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य, संजीव मिश्रा, शरद मौर्य भी जागरण में रहे।
प्रवीण शर्मा ‘दैनिक जागरण’ रिपोर्टिंग में रहे और बाद में उनका कानपुर ट्रांसफर हो गया अब वह बरेली में ही हैं। उनके भाई विपिन शर्मा भी दैनिक जागरण के संपादकीय प्रभाग में रहें। आजकल श्री विपिन शर्मा व्यापार कर अधिकारी  नोएडा में हैं।
विपुल राज सिंह ‘दैनिक अमर उजाला के बाद ‘दैनिक जागरण’ में आ गये।  उन्होंने कुछ दिन ‘दैनिक जागरण’ के लिए फोटोग्राफी का कार्य किया। श्री विपुल राज कुछ समय ‘दैनिक जनमोर्चा’ में भी रहे।
विनीत सिंह आगरा से बरेली आये ‘दैनिक अमर उजाला’ के बाद लंबे समय तक ‘दैनिक जागरण’ में कार्य किया। श्री विनीत सिंह अपनी बेहतर रिपोर्टिंग के लिए शहर में एक अलग पहचान बनाई। बरेली कालेज के मीडिया सेक्शन में भी उन्होंने कुछ दिन कार्य किया। वर्तमान श्री विनीत सिंह ‘दैनिक भास्कर’ कोटा में कार्यरत हैं।


अनुरोध भारद्वाज बदायूं से ‘दैनिक जागरण’ में आये बाद में वह ‘दैनिक हिंदुस्तान’ चले गये और वहां बरेली सिटी के प्रभारी बने। वह मेरठ में ‘दैनिक हिंदुस्तान’ मेरठ में कार्यरत रहे। आजकल अपना एक पोर्टल ‘खबरची’ भी चला रहे हैं। अशोक शर्मा उर्फ लोटा ‘दैनिक पत्र’ से जुड़े हुये हैं और एक अच्छे हास्य कवि भी हैं।


रवि सक्सेना ‘दैनिक वीर अर्जुन’ से जुड़े हैं। एक पत्रकार संगठन बरेली मीडिया क्ल्ब के पदाधिकारी भी हैं। शंकर दास भी एक पत्रकार संगठन से जुड़े हुए हैं। मोहम्मद समी खान विश्व वार्ता एवम ‘दैनिक शेखर टाइम्स’  से जुड़े हुए हैं और एक पत्रकार संगठन बरेली मीडिया क्लब के अध्यक्ष भी हैं। 
मो. युसूफ दैनिक विश्व मानव में कार्यरत रहे और इनका 23 मई 2021 को निधन हो गया।


अशर्फी लाल  ‘दैनिक राष्ट्रीय सहारा’में रहे। भगवत शरण प्रजापति पंजाब केसरी से जुड़े हैं। 
राजीव शर्मा ‘दैनिक राष्ट्रीय सहारा’ कार्यालय में कार्यरत रहे। आजकल श्री राजीव शर्मा दिल्ली में अपना पोर्टल चला रहे हैं।


कवि रमेश गौतम भी ‘दैनिक विश्व मानव’ में साप्ताहिक परिशिष्ट के प्रभारी रहे। शिक्षक रहे रमेश गौतम एक अच्छे नवगीतकार भी है। उनके गीतों की दो पुस्तकें अब तक प्रकाशित हो चुकी हैं।
सुरेन्द्र बीनू सिन्हा ‘दैनिक अमर उजाला’  दैनिक दिव्य प्रकाश’ से जुड़े रहे। वर्तमान में वह ‘विविध संवाद’ पत्रिका के संपादक भी हैं। 

वह भारतीय पत्रकारिता संस्थान भी चलाते हैं। इसके अलावा वह मानव सेवा क्लब के अध्यक्ष भी हैं। अनिल सक्सेना दैनिक विश्व मानव के बाद दिल्ली प्रेस की सरिता मुक्ता पत्रिका में दिल्ली में रहे। महेंद्र मनुज भी विश्व मानव में रहे।


रघुवीर चौहान ‘दैनिक आज’ के बाद ‘दैनिक जागरण’ में आ गये और काफी समय तक रिपोर्टिंग का कार्य किया। श्री रघुवीर चौहान आजकल ‘दैनिक अमर उजाला’ में कार्यरत हैं।

 राजेन्द्र पांडे बरेली में लंबी पारी खेलकर दिल्ली जाकर बस गए।
राजेश गौड़ भी ‘आकाशवाणी बरेली’ में कार्यक्रम अधिकारी रहे और आकाशवाणी बरेली से सेवानिवृत्त हुये। राजेश गौड़ भी आकाशवाणी पर कुछ कार्यक्रम प्रस्तुत करते रहे।


रवीन्द्र मिश्रा आकाशवाणी में रिपोर्टिंग का कार्य भी करते हैं उन्होंने अपना एक स्टुडियो भी बना रखा है  बरेली में नीरज आनंद न्यूज 24, अनूप मिश्रा, भास्कर, कृष्ण राज  आज तक अरविंद गंगवार दूरदर्शन, मनवीर सिंह टी वी 9 से जुड़े हैं।कृष्ण गोपाल राज,  मलिक राजपूत आज तक से जुड़े हैं।


अखिलेश शर्मा भी अपनी पत्रिका लोकतंत्र टूडे निकल रहे हैं। अमर उजाला, अमृत विचार के बाद संजय कुमार एवं विजय शर्मा भी अपना पोर्टल चला रहे हैं। 

अवनीश जी  पत्रिका एवं वसीम भी पोर्टल चला रहे हैं। कुमार विनय एवं दीपक शर्मा समाचार चैनल से जुड़े हुए हैं । दैनिक आज में रहे सुनील सक्सेना प्रशांत रायजादा की मित्रता की जोड़ी चर्चित है। वह पत्रकार क्रिकेट टूर्नामेंट भी हर वर्ष कराते हैं।


दैनिक दो टूक संजीव द्विवेदी निकाल रहे हैं। तारिक सईद, प्रवीण शंखधार, शैलेश शर्मा, विक्रांत साहू, ए. के. आजाद सांध्य कालीन ‘दैनिक दो टूक’ में रहे।                                           

राकेश मथुरिया आंवला में, राजेन्द्र वर्मा आंवला में, नत्थूलाल मीरगंज में, उमेश पांडेय फरीदपुर में कार्यरत रहे।  निर्मल कांत शुक्ला, स्वर्गीय मेघाव्रत्त मिश्रा, देवेन्द्र देवा, अरूण पाराशरी, श्याम सुन्दर भाटिया, उमेश लव, चन्देक बिष्ट, सुरेश पाण्डेय ने भी लंबे समय तक ‘दैनिक जागरण’ के ब्यूरो कार्यालय में काम किया। अजय शर्मा, उमेश शर्मा, अशोक शर्मा, विवेक मिश्रा, दीप तिवारी, टोनी, सचिन सेनी, मोहित, राकेश कश्यप, जोशी, भानु भारद्वाज, सुनील, अजय मिश्रा आदि फोटोग्राफी में कार्यरत रहे। 


बरेली में महिला पत्रकारों में पूनम भारत, मनु नीरज, सुचित्रा डे, शिल्पी गुप्ता, नूतन सक्सेना, सोनाली, शाईस्ता, नाजिया अंजुम, रक्क्षंदा आदि महिला पत्रकारों ने लंबे समय तक काम किया। श्रीमती सुप्रिया एरन भी दिल्ली पी टी आई में कार्यरत रहीं। उन्होंने बरेली में नगर निगम में मेयर पद भी संभाला। बरेली केंट से विधान सभा चुनाव भी लड़ा था पर सफल नहीं हुई। 


बरेली के मान्यता प्राप्त रहे पत्रकारों की सूची
अजय शर्मा छायाकार, उमेश शर्मा छायाकार, वसीम अहमद, प्रदीप चन्द्र तिवारी, आमोद कुमार , आशीष दीक्षित, राजीव रंजन, राकेश कुमार कश्यप छायाकार, राजीव कुमार चौहान,  कुमुद शर्मा, प्रदीप कुमार मिश्रा, विवेक मिश्रा , शंकर दास,  शाहिद हुसैन, अनिल चौहान , रईस अहमद,  नफीस अहमद भारती, पदमदत्त शर्मा , डा. दीप अग्रवाल, अक्षत अग्रवाल,  श्रीमती मीनू अग्रवाल, डा. रोली अग्रवाल,  सुश्री शीतल अग्रवाल, आफाक हुसैन, कुमार विनय, अखिलेश कुमार, रमेश कुमार सिंह, अशर्फी लाल, मुकेश पाण्डेय, अरविंद कुमार,  अनूप कुमार मिश्र, नीरज आनंद, सुश्री नाजिया अंजुम , दीप चंद तिवारी, दिव्य अग्रवाल, शोभित जौहरी,  विकास सक्सेना, पंकुल शर्मा,  दीपक कुमार, कृष्ण गोपाल राज यादव, राजेश शर्मा,  निर्भय सक्सेना स्वतंत्र मान्यता प्राप्त पत्रकार हैं।  


कुछ पत्रकारों के नाम भूलवश त्रुटिवश रह गए हो तो बता दे। बाद में अपडेट कर देंगे

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