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रामनवमी पर भी सरयू तट पर प्रज्वलित हुए 2.5 लाख दिए, भास्कर की ठंडी किरणों ने किया राम का तिलक

रामनवमी पर भी सरयू तट पर प्रज्वलित हुए 2.5 लाख दिए, भास्कर की ठंडी किरणों ने किया राम का तिलक

 निर्भय सक्सेना
बरेली रूबरू बरेली। रामनवमी पर भगवान भास्कर  की ठंडी किरणों ने रामलला के मस्तिष्क पर इस वर्ष भी तिलक का नजारा देश दुनिया ने देखा। भगवान रामलला 18 घंटे अपने भक्तों को दर्शन भी दिए।लोगो ने सरयू में डुबकी भी लगाई। अनुमान हे कि दो लाख से अधिक लोग राम नवमी पर अयोध्या में दर्शन को पहुंचे थे।


इस बार अयोध्या के सरयू तट पर ढाई लाख से अधिक दीप भी प्रज्वलित  हुए। जिसकी झिलमिल रोशनी से सरयू नदी का दृश्य देखते ही बन रहा रहा था। इस बार भी रामनवमी 6 अप्रैल 2025 को भगवान भास्कर की किरण से रामलला के सूर्य तिलक के लिए पूर्व से ही पूरी तैयारी कर ली गई थी। मिश्री/ इलाइची दाना प्रसाद का भक्तों को वितरण होगा। 


बधाइयां भी गाई जाएंगी।  सीता रसोई में भंडारा भी हुआ। रामनवमी पर भी सरयू नदी के चरण सिंह घाट पर 2.5 लाख दीप भी प्रज्वलित हुए।  ड्रोन से सरयू जल का भी भक्तों पर छिड़काव भी हुआ। गर्म मौसम को ध्यान में रख कर अब भक्त पारदर्शी पानी को बोतल भी मंदिर में  साथ ले जा गए थे ।                                                
अयोध्या में रामनवमी पर उमड़ने वाली लाखों भक्तों की भीड़ के लिए भी गर्मी में पेयजल एवं  धूप से बचाव के लिए जमीन पर जूट की पट्टिका एवं केनोपी से  छाया की भी तैयारी की गई । सुग्रीव किले से परकोटा तक कैनोपी बनाई गई है।

कहा जा रहा है कि रामनवमी पर मंदिर के शिखर  तैयार हो गए हैं । रामभक्तो की भीड़ नियंत्रण के लिए जिला प्रशासन पुलिस ने भी कमर कस ली थी जिससे कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। इस बार वी आई पी का अलग गेट भी  बनाया गया।

 
 श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चंपत राय के अनुसार राम नवमी के दिन ठीक 12 बजे से चार मिनट तक भगवान भास्कर की  किरणों से रामलला के मस्तक पर 4 मिनट तक तिलक हुआ। रामलला के  सूर्य तिलक का प्रसारण देश ही नहीं विश्व में भी किया गया।

 6 अप्रैल को मनाई जाने  वाली रामनवमी से पूर्व ही भगवान राम मंदिर के सभी 5 शिखरों का प्रतिष्ठा पूजन भी किया जा चुका है। मंदिर के शिखर लगने के बाद उस पर स्वर्ण कलश भी स्थापित किए जाएंगे।


राम मंदिर शिखर पूजन के समय लार्सन एंड  टूब्रो (एल एंड टी) और टाटा कंसल्टेंसी के अधिकारी भी मौजूद थे।


अयोध्या मे राम मंदिर में बचे हुए निर्माण की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। परकोटा अक्टूबर तक पूरा होगा।  


रामनवमी पर मंदिर को फूलों एवं  रंगीन लाइट से सजाया गया था।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने कहा राममंदिर के शिखर पर कलश की विधिपूर्वक पूजा की गई थी।

 राममंदिर के अलावा परिसर में स्थित सभी 16 मंदिरों के शिखरों पर भी  कलश स्थापित होंगे। इन सभी कलशों का सामूहिक पूजन हो चुका है । 


न्यासी डॉ. अनिल मिश्र  के अनुसार राममंदिर का अब केवल 10 प्रतिशत काम बाकी है। जो अप्रैल 2025 के अंत तक शिखर का काम पूर्ण होने की उम्मीद है। श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महामंत्री चंपत राय ने कहा कि मंदिर में सभी भक्तों के दर्शन सुगमता से हुए।  

स्मरण रहे अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास की मणिरामदास की छावनी में  बीते दिनों हुई श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास  की अध्यक्षता में हुई बैठक में श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास ने आय-व्यय की रिपोर्ट प्रस्तुत कर बताया गया कि राम जन्मभूमि परिसर पर पांच सालों में 2150 करोड़ रुपये व्यय किए गए हैं। राम मंदिर निर्माण पर ही अकेले 1200 करोड़ रुपये व्यय हुए । 


बीते पांच सालों में श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास ने भारत सरकार को 400 करोड़ का टैक्स के रूप में भुगतान किया है। बैठक में राम मंदिर निर्माण की समय सीमा बढ़ाकर अब माह जून कर दी गई है।


भगवान राम मंदिर श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चंपत राय ने बताया कि पांच फरवरी 2020 को श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास का गठन हुआ था । 28 फरवरी 2025 तक इन पांच वर्षों में न्यास के खाते से सरकार की विभिन्न एजेंसियों को 396 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ है।

 272 करोड़ सरकार को जीएसटी के रूप में गया है। 39 करोड़ टीडीएस जमा हुआ है। 14 करोड़ लेबर सेस का जमा हुआ है। पीएफ, ईएसआई पर लगभग 7.4 करोड़ रुपये दिया गया है। इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए चार करोड़ रुपये दिए गए हैं।                  

श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महामंत्री चंपत राय ने बताया कि राम  मन्दिर निर्माण का काम लगभग 96 प्रतिशत पूर्ण हो गया है।  जून 2025 तक यह कार्य पूरा हो जाएगा।


सप्तर्षि मन्दिरों में भी काफी काम हो चुका है। मई तक यह भी तैयार हो जाएगा। परकोटे का निर्माण भी चल रहा है जो अक्टूबर तक पूरा होगा।


चंपत राय ने बताया कि शेषावतार मंदिर में 50 प्रतिशत काम हुआ है। संत तुलसी दास जी का मंदिर में कार्य पूर्ण हो गया। उसमें  प्रतिमा स्थापना भी हो चुकी है। अब 6 अप्रैल रामनवमी को मानस जयंती पर लोकार्पण के पश्चात श्रद्धालु इसके दर्शन कर सकेंगे। शेष मंदिरों में अक्षय तृतीया पर मूर्ति स्थापना की योजना है।

न्यास महामंत्री चंपत राय ने कहा कि मंदिर में चढ़ावे में रामलला को मिली 944 किलो चांदी को भारतीय टकसाल में भेज कर और उनको 20 किलो बजन वाली  सिल्लियों का रूप देकर बैंक लाकर में रखवाने के बारे में भी निर्णय हो गया था बैंक लाकर में जिसे रखा गया।

पूर्व में भी श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चंपत राय ने पाञ्चजन्य के महाकुंभ- 2025 पर मंथन कार्यक्रम में उन लोगों को भी जबाव दिया था  जो यह कहते हैं कि राम मंदिर बनने से क्या रोजगार और व्यवसाय होते हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 में अयोध्या में राम मंदिर की शुरुआत से श्रद्धालुओं की आवक में बढ़ोत्तरी हुई।

पिछले एक साल में 4 करोड़ लोगों ने अयोध्या के दर्शन किए। 5 फरवरी 2020 से 5 फरवरी 2025 के बीचे राम मंदिर ट्रस्ट ने ही अकेले करीब 400 करोड़ का टैक्स सरकार को दिया।


इसमें से 270 करोड़ तो केवल जीएसटी था। चंपत राय ने कहा कि 2020 में जब सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो गया तो अयोध्या में श्रद्धालुओं की संख्या में सहज रूप से वृद्धि हो गई। पहले तो यह संख्या 7 हजार तक बढ़ी। 


बाद में ध्यान में आया कि अब आगंतुकों की संख्या 25 हजार तक हो गई है लेकिन, 22 जनवरी 2024 को राम मंदिर पर भगवान रामलला के 5 वर्ष के बालक की मूर्ति स्थापित हुई तो संख्या में एक झटके में वृद्धि हो गई। 

राम मंदिर में  प्रतिदिन के हिसाब से देखें तो अयोध्या में हर दिन करीब 75 हजार  श्रद्धालु आने लगे। शनिवार और मंगलवार को यह संख्या एक लाख पहुंच जाती है। प्रयाग में कुंभ के बाद उमड़ी भीड़ से  अयोध्या में राम मंदिर दर्शन आने वाले भक्तों का रिकॉर्ड बन गया।


पिछले एक साल में करीब 4 से साढे 4 करोड़ लोगों ने अयोध्या के दर्शन किए। वर्ष 2011 की जनगणना के आंकड़े की अगर बात करें तो शायद ये 65 हजार के आसपास है।

 वर्ष 2011 तक में अयोध्या नगर पालिका थी लेकिन अब अयोध्या नगर निगम है। नगर निगम बनने के बाद अधिकारियों ने अयोध्या के विकास के लिए सुझाव को  शासन को भेजा था। शासन में इसे गंभीरता से लिया गया। अयोध्या में सुधार होने शुरू हुए। सफाई कार्य ने भी गति पकड़ी।

 सरयू के पास से एक छोटी सी नहर निकाली गई और पंपिंग के द्वारा उसमें सरयू का जल डाला जाता है। पहले यह ऐसे ही पड़ा रहता था, लेकिन अब उसमें भी सुधार हो गया।  

दीपावली पर दीपोत्सव पर लेजर लाइट की वजह से सरयू की जगमगाहट निहारते ही बनती है। श्री राम जन्म भूमि मंदिर न्यास की ओर से मंदिर परिसर में 500 लोगो को क्षमता वाला तीन मंजिला आडिटोरियम, गेस्ट हाउस एवं  न्यास का कार्यालय भी अब बनाया जाएगा।

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