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बरेली/शाहजहांपुर बाढ़ पीड़ितों की मदद को आगे आई "एक गूंज सेवा समिति", स्टीमर से पहुंचाई राहत सामग्री।

बरेली/शाहजहांपुर बाढ़ पीड़ितों की मदद को आगे आई "एक गूंज सेवा समिति", स्टीमर से पहुंचाई राहत सामग्री।



बरेली रूबरू बरेली/शाहजहांपुर। समाज सेवा का असली रूप वही है जिसमें जरूरतमंदों की तकलीफ समझकर मदद की जाए।

 इसी सोच के साथ एक गूंज सेवा समिति इकाई शाहजहांपुर की टीम ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में जाकर राहत कार्य संचालित किया। समिति की टीम ने तहसील जलालाबाद के कई गांवों में स्टीमर के जरिए पहुंचकर बाढ़ पीड़ित परिवारों को भोजन और कपड़े वितरित किए।

लगातार हो रही वर्षा से रामगंगा की सहायक नदियों का जलस्तर बढ़ने के कारण ग्रामीण क्षेत्र के कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। 

निचले इलाकों में पानी भरने से लोगों के घर डूब गए हैं, वहीं आने-जाने के रास्ते भी कट गए हैं। ऐसे हालात में बाढ़ पीड़ितों तक पहुंचना मुश्किल हो गया है। प्रशासन और स्थानीय संस्थाओं की टीमें राहत कार्य कर रही हैं, लेकिन इन परिस्थितियों में एक गूंज सेवा समिति की पहल बेहद सराहनीय रही।

समिति के प्रदेशाध्यक्ष प्रति पाल सिंह ठाकुर ने बताया कि शाहजहांपुर इकाई की टीम ने बाढ़ प्रभावित गांवों तक स्टीमर के जरिए पहुंच बनाई और करीब 600 परिवारों को राहत सामग्री उपलब्ध कराई। 


इनमें खाने के पैकेट, पीने का पानी और जरूरतमंद लोगों के लिए कपड़े शामिल थे। उन्होंने कहा कि "टीम द्वारा किया गया यह कार्य समाज सेवा की सच्ची मिसाल है। 

ऐसे समय में जब लोग अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करने को मजबूर हैं, वहां जाकर उन्हें राहत देना बहुत बड़ा कार्य है।"


टीम ने पैलानी, भरतपुर, गुटेटी, इस्लामनगर, चौरा, बांसखेड़ा, बलदेवपुर समेत एक दर्जन गांवों में जाकर सेवा कार्य किया। इन गांवों में बाढ़ के कारण लोग चारों ओर से पानी से घिरे हुए हैं और सामान्य जीवन बुरी तरह प्रभावित है।


 खेतों में खड़ी फसलें डूब चुकी हैं, पशुओं के चारे की समस्या खड़ी हो गई है और लोग बेघर होकर अस्थायी ठिकानों पर शरण ले रहे हैं।


समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि राहत वितरण अभियान के दौरान विशेष रूप से बच्चों और महिलाओं पर ध्यान दिया गया। 


छोटे बच्चों को दूध, बिस्कुट और फल उपलब्ध कराए गए, वहीं महिलाओं को कपड़े और आवश्यक सामग्री दी गई। 


कई परिवार ऐसे भी मिले जिनके पास पिछले कई दिनों से ठीक से भोजन नहीं था। उन्हें पका हुआ भोजन उपलब्ध कराया गया ताकि वे भूख से परेशान न रहें।


गांव वालों ने समिति की इस पहल का स्वागत करते हुए कहा कि ऐसे संकट की घड़ी में संस्थाओं और समाजसेवियों की ओर से की गई छोटी से छोटी मदद भी बहुत बड़ी राहत देती है। 

ग्रामीणों ने टीम के सदस्यों को आशीर्वाद देते हुए कहा कि उनकी इस सेवा को वे जीवनभर याद रखेंगे।


प्रदेशाध्यक्ष प्रति पाल सिंह बंटी ठाकुर ने कहा कि संस्था का उद्देश्य केवल राहत पहुंचाना ही नहीं, बल्कि समाज में सहयोग और संवेदनशीलता की भावना को जागरूक करना भी है।

 उन्होंने जिले के अन्य सामाजिक संगठनों और सक्षम लोगों से भी अपील की कि वे आगे आकर बाढ़ पीड़ितों की मदद करें, क्योंकि अकेले कोई भी संस्था या प्रशासन इतने बड़े संकट से निपट नहीं सकता।


 इस मौके पर समिति की टीम के कार्यकर्ताओं ने बताया कि आगे भी वे जरूरत पड़ने पर प्रभावित परिवारों तक और मदद पहुंचाएंगे। 


टीम ने प्रशासन से भी अनुरोध किया कि बाढ़ पीड़ितों के लिए अस्थायी कैंप, स्वास्थ्य सुविधाएं और पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था की जाए, ताकि लोगों को और परेशानियों का सामना न करना पड़े।


बाढ़ प्रभावित गांवों में जाकर राहत पहुंचाना जहां मुश्किल और जोखिम भरा काम है, वहीं "एक गूंज सेवा समिति" की टीम ने इसे चुनौती मानकर स्वीकार किया और अपनी पूरी क्षमता से सेवा कार्य को अंजाम दिया।


 इस अभियान से न केवल प्रभावित परिवारों को तात्कालिक राहत मिली, बल्कि समाज में एक सकारात्मक संदेश भी गया कि एकजुट होकर हर संकट का सामना किया जा सकता है।


शाहजहांपुर जिला इकाई के  जिला अध्यक्ष शरदेंदु सिंह चौहान, जिला कोषाध्यक्ष शाकेंद्र सिंह, जिला उपाध्यक्ष आर्यन जश, भारतेंदु सिंह, सजींव राठौर , हेमंत कुमार , गौरव सिंह  एवं अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे। निर्भय सक्सेना

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